
मुरादाबाद। मुरादाबाद शहर से भाजपा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए और अपने साथियों के संग उन्होंने अधिकारियों पर दबाव बनाया। जबकि अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, यह सरकारी कार्य है। सरकारी काम में बाधा पहुंचना आपको शोभा नहीं देता। मगर शहर विधायक रितेश गुप्ता ने किसी सरकारी अधिकारी की एक न सुनी और तैस में आकर वह बोले, मुझ पर बुलडोजर चला दो। सब कुछ समझ आया लेकिन ये समझ नहीं आया कि नगर विधायक मंडी समिति मे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ क्यों मंडी समिति प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए। विधायक जी को मंडी के अवैध अतिक्रमण से क्या फायदा है।
दरअसल मामला मझोला स्थित नवीन मंडी परिसर से जुड़ा हुआ है। नवीन मंडी परिसर में लगभग 243 दुकाने हैं। मगर वहां पर कारोबार करने वाले करीब 750 लोगों को लाइसेंस जारी कर दिया गया है, जिन लोगों को दुकानें अलाट हैं। वह तो अपनी दुकानों में कारोबार कर रहे हैं। मगर जिन लाइसेंसधारी कारोबारियों को दुकान अलाट नहीं है। उन्होंने मंडी परिषद की कई सौ करोड़ की जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसकी कीमत आज करोड़ों रुपए में बताई जाती है।
प्रदेश सरकार चाहती है कि जिन कारोबारियों ने मंडी परिसर की जमीनों पर कब्जा कर रखा है उसे खाली कर दे। इसलिए राज्य सरकार ने मंडी अधिकारियों को आदेश दिया है, जल्द से जल्द मझोला स्थित नवीन मंडी परिसर स्थित कब्जे वाली जमीनों को कब्जेदारों से खाली कराया जाए। इसके लिए मुरादाबाद सिटी मजिस्ट्रेट जो की मंडी सभापति भी है उन्होंने पिछले एक महीने से कारोबारियों को चेतावनी दी और नोटिस दिया कि आप लोग मंडी की सरकारी जमीनों से अपना कब्जा हटा लें, नहीं तो मंडी परिषद स्वयं कब्ज़ा हटाएगा।
इस सिलसिले में सिटी मजिस्ट्रेट आज बुलडोजर के साथ में मय फोर्स के कब्जा हटाने मंडी परिसर पहुंची थी। मगर वहां पर शहर विधायक रितेश गुप्ता अपने पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंच गए। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट से कहा कि उनके रहते हुए यह कब्जा नहीं हटेगा। अगर बुलडोजर चलाना ही है तो हम पर बुलडोजर चलाओ। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा यह सरकारी काम में बाधा पहुंचाना है। हमें सरकार से आदेश मिला है। हम तो सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं। फिर भी रितेश गुप्ता नहीं माने और उनके साथ में पहुंचे हुए लोग विधायक के समर्थन में नारेबाजी करते रहे।
अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विधायक के दबाव में मंडी परिसर से अवैध कब्जेदारों को बेदखल करने का आदेश वापस लेती है या अपनी जमीनों पर से कबजेदारों को हटाती है। बहरहाल आज कार्रवाई किये बगैर सिटी मजिस्ट्रेट वापस चली गईं और विधायक ने भी अपने समर्थकों के साथ धरना खत्म कर दिया।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि विधायक मंडी समिति पर हो रहे अवैध कब्ज़े के समर्थन मे क्यों है। इस अवैध कब्ज़े से नगर विधायक को क्या फायदा है। मंडी की ऊपर की कमाई का हिस्सा या लाइनपार के वोट बैंक की राजनीती ये तो विधायक जी ही जाने। बरहाल कुछ ही दिन मे मंडी समिति का अवैध अतिक्रमण खत्म कर दिया जायेगा ये मंडी प्रशासन ने भी ऐलान कर दिया है।