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बिहार में अकेले जाना खतरा! आजम खान ने सुरक्षा, मुस्लिम राजनीति और चुनावी रणनीति पर खोले कई बड़े राज

Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आयोजित एक समारोह में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने अपने तीखे तेवरों से एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा दी।

(रिपोर्ट : सौरभ पूठिया)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने मुरादाबाद के कुंदरकी में आयोजित एक निजी समारोह के दौरान बिहार की कानून-व्यवस्था पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज है, वहां अकेले जाना खतरे से खाली नहीं। आजम खान ने बताया कि उन्हें जो Y-श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, उसके बारे में उन्होंने सरकार से लिखकर पूछा था कि क्यों दी गई और अगर दी है तो पूरी तरह दी जाए। उन्होंने कहा कि कमजोरों और अल्पसंख्यकों का वोट नहीं बटना चाहिए, क्योंकि फायदा सिर्फ एकता में है।

आजम खान ने मुस्लिम समुदाय से एकजुट रहने की अपील की। अपने तीखे संबोधन में उन्होंने कहा कि अगर कोई आपको जाति या मतभेदों में बांटना चाहता है, तो सोचें कि फायदा बंटने में है या एक रहने में। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम राष्ट्रपति भी बने, लेकिन सिर्फ नाम के, इसलिए असली मुद्दा ओहदे का नहीं बल्कि नफ़रत और फरेब की राजनीति को समाप्त करने का है। आजम ने कहा कि मुसलमानों को आत्मविश्लेषण करना होगा कि उनका भविष्य किस रास्ते में सुरक्षित है।

जब उनसे पूछा गया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बिहार में प्रचार कर रहे हैं और वे स्वयं क्यों नहीं पहुंचे, तो आजम खान ने कहा कि उनके पास सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि जो Y-कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी, वह भी स्पष्ट नहीं थी। अगर सुरक्षा देनी है, तो पूरी दे, अधूरी सुरक्षा का क्या मतलब? साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार का तथाकथित जंगलराज जल्द खत्म होगा और राज्य में स्थिरता आएगी।

पीडीए गठबंधन में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के एम की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर आजम खान ने सीधा जवाब देने से परहेज किया और कहा कि यह सवाल ओवैसी से ही पूछा जाए। उन्होंने दोहराया कि उनका मकसद सिर्फ इत्तेहाद यानी एकता है। उन्होंने बिहार के मतदाताओं को संदेश दिया कि वे मुल्क में अमन और चैन बनाए रखने के लिए सोच-समझकर वोट करें और भावनाओं में बहकर कोई फैसला न लें।

सपा द्वारा जारी 20 स्टार प्रचारकों की सूची में आजम खान को तीसरे नंबर पर रखा गया है। उन्हें डिंपल यादव से भी आगे जगह मिली है, जिससे स्पष्ट है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका देना चाहता है। इसके बावजूद आजम अभी बिहार नहीं गए हैं। वहीं अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल यादव को इस सूची में शामिल नहीं किया है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।

सीतापुर जेल से 23 महीने बाद रिहाई के बाद 10 अक्टूबर को आजम खान को Y-कैटेगरी सुरक्षा दी गई थी। उन्हें सात पुलिसकर्मियों की टीम मुहैया कराई गई थी। लेकिन अगले ही दिन उन्होंने सुरक्षा लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि विरोधियों के पास कमांडो जैसी सुरक्षा है, लेकिन उन्हें अधूरी सुरक्षा दी जा रही है। उन्होंने स्थानीय विधायक आकाश सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुर्गी चोर कहने वालों को जितनी सुरक्षा है, उतनी कम से कम हमें भी दी जाए। उनके इस बयान ने फिर से सुरक्षा और राजनीतिक टकराव को लेकर बहस छेड़ दी है।

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